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sarvanam in hindi – सर्वनाम की परिभाषा, प्रकार और उदाहरण

by staff

दोस्तों ! हिंदी व्याकरण के अंतर्गत आज हम आपके लिए sarvanam in hindi- सर्वनाम की परिभाषा, प्रकार और उदाहरण नामक पोस्ट लेकर आये हैं। जिसमें सर्वनाम को एकदम सरलतम तरीके से समझाने का प्रयास किया गया है।

sarvanam in hindi

हिंदी में वाक्यों को लिखते या बोलते समय कई नामों (संज्ञा) का प्रयोग किया जाता है। ये नाम या संज्ञा वाक्य में बार बार आते हैं। जिसके कारण वाक्य विन्यास और वाक्य का सौंदर्य खराब होता है। उदाहरण-

राम प्रसाद एक अच्छा लड़का है। राम प्रसाद प्रतिदिन सूर्योदय से पूर्व उठता है। राम प्रसाद सुबह सबके पैर छूता है। राम प्रसाद समय से तैयार होकर स्कूल जाता है।

यहां राम प्रसाद शब्द जोकि एक नाम या संज्ञा है, की बार बार पुनरावृत्ति हो रही है। जिससे भाषा का सौंदर्य खराब हो रहा है साथ ही वाक्य बड़ा भी हो जा रहा है।

ऐसी स्थिति में हम नाम (संज्ञा) का प्रयोग एक बार करते हैं और बाकी जगह वह (सर्वनाम) का प्रयोग करते हैं। उदाहरण-

राम प्रसाद एक अच्छा लड़का है। वह प्रतिदिन सूर्योदय से पूर्व उठता है। वह सुबह सबके पैर छूता है। वह समय से तैयार होकर स्कूल जाता है।

सर्वनाम की परिभाषा- what is sarvanam in hindi

सर्वनाम वस्तुतः दो शब्दों से मिलकर बना है- सर्व + नाम । सर्व का अर्थ होता है सब और नाम कोई भी संज्ञा। इस प्रकार सर्वनाम का शाब्दिक अर्थ होता है सभी प्रकार के नामों के लिए प्रयुक्त होने वाले शब्द।

सर्वनाम की परिभाषा इस प्रकार है-

जो शब्द संज्ञा के स्थान पर प्रयोग किये जाते हैं, उन्हें सर्वनाम कहा जाता है।

किन्तु ध्यान रहे केवल नाम के स्थान पर आने वाले शब्द ही सर्वनाम होते हैं।

जो विकारी शब्द प्रसंग के अनुसार किसी संज्ञा के बदले प्रयोग किये जाते हैं, वे सर्वनाम कहलाते हैं। जैसे-

शीला ने कहा मैं मिठाई लूंगी।

राधा ने गीता से पूछा कि क्या वह गाना नहीं गायेगी ?

यहां मैं और वह सर्वनाम हैं।

सर्वनाम के भेद

व्यवहारिक रूप से सर्वनाम के 6 भेद होते हैं-

1- पुरुषवाचक सर्वनाम 2- निश्चयवाचक सर्वनाम 3- अनिश्चयवाचक सर्वनाम 4- संबंधवाचक सर्वनाम 5- प्रश्नवाचक सर्वनाम 6- निजवाचक सर्वनाम

1- पुरुषवाचक सर्वनाम

ऐसे सर्वनाम जो किसी पुरुष के नाम के बदले में प्रयोग किये जायें, पुरुषवाचक सर्वनाम कहलाते हैं। यहां पुरुष से तात्पर्य स्त्री और पुरुष दोनों से है। जैसे- मैं, तुम, वह आदि।

हिंदी व्याकरण में पुरुष तीन होते हैं-

(l) उत्तम पुरुष

जो व्यक्ति किसी बात को कहता है। वह उत्तम पुरुष में आता है। अर्थात वाक्य को बोलने वाला उत्तम पुरुष है। इसके अंतर्गत आने वाले सर्वनाम हैं-
मैं, हम, मैंने, हमने, मेरा, हमारा, मुझे, मुझको।

उदाहरण- मैं आज बाजार जाऊंगा।

(ll) मध्यम पुरुष

जिससे बात कही जाती है या जो सुनने वाला होता है। वह मध्यम पुरुष में आता है। इसमें निम्न सर्वनाम आते हैं-
तू, तुम, तुमने, तुझे, तूने, तुम्हें, तुमको, तुमसे, आपने, आपको।

उदाहरण- क्या तुम बाजार जाओगे ?

(lll) अन्य पुरुष

जब वाक्य में किसी तीसरे व्यक्ति के बारे में बात करते हैं। जोकि वहां मौजूद नहीं है। तो वह व्यक्ति अन्य पुरुष होता है। इसमें आने वाले सर्वनाम अग्रलिखित हैं-
वह, यह, वे, ये, इन, उन, उनको, उनसे, इन्हें, उन्हें, इससे, उसको।

उदाहरण- वह कहाँ जा रहा है ?

2- निश्चयवाचक सर्वनाम

जिन शब्दों से किसी वस्तु या व्यक्ति का निश्चित बोध होता है, उन्हें निश्चयवाचक सर्वनाम कहते हैं। ये सर्वनाम व्यक्ति या वस्तु की निश्चित स्थिति की ओर संकेत करते हैं। इसके अंतर्गत निम्न सर्वनाम आते हैं-
यह, वह, ये, वे।

उदाहरण- 1- यह मेरी किताब है। 2- वह उनकी कुर्सी है।
3- ये मेरे कपड़े हैं। 4- वे तुम्हारे आदमी हैं।

3- अनिश्चयवाचक सर्वनाम

जिन सर्वनाम शब्दों से किसी वस्तु की निश्चित संख्या या स्थिति का बोध न होता हो। उन्हें अनिश्चयवाचक सर्वनाम कहा जाता है। इसके अंतर्गत आने वाले सर्वनाम हैं-
कोई, कुछ, किसी आदि।

उदाहरण- 1- कोई आ गया तो क्या होगा ? 2- मैंने कुछ नहीं लिया। 3- किसी को बुलाओ।

कभी कभी कुछ शब्द समूहों का प्रयोग भी अनिश्चयवाचक सर्वनाम के रूप में किया जाता है। जैसे-
सब कुछ, कोई न कोई, कुछ न कुछ, कुछ भी, कुछ-कुछ आदि।

4- संबंध वाचक सर्वनाम

जिस सर्वनाम से किसी दूसरे सर्वनाम या व्यक्तियों अथवा वस्तुओं से संबंध का पता चलता है। वह संबंध वाचक सर्वनाम कहलाता है। इसके अंतर्गत जो, सो आदि सर्वनाम आते हैं।

उदाहरण- 1- वह लड़का जो कल आया था, पढ़ने में बहुत तेज है।
2- जो बोओगे सो काटोगे। 3- जो तुम चाहो करो।

5- प्रश्नवाचक सर्वनाम

जिस सर्वनाम से प्रश्न का बोध होता हो, वह प्रश्न वाचक सर्वनाम कहलाता है। इसके अंतर्गत कौन, क्या, कहाँ आदि सर्वनाम आते हैं।

उदाहरण- 1- यह कौन है ? 2- वह क्या कर रहा है ?
3- तुम कहाँ जा रहे हो ?

6- निजवाचक सर्वनाम

यह सर्वनाम वाक्य में कर्ता द्वारा ‘अपने आप’, स्वयं, खुद के लिए प्रयोग किया जाता है। इसके अंतर्गत आने वाला सर्वनाम है- आप। यहां यह ध्यान देने योग्य है कि आप का प्रयोग पुरुषवाचक सर्वनाम के मध्यम पुरुष में भी होता है।

परंतु यहां प्रयुक्त होने वाला आप उससे भिन्न है। इस आप का अर्थ खुद या स्वयं होता है। इसका प्रयोग निम्न परिस्थितियों में होता है-

1- किसी संज्ञा या सर्वनाम के निश्चय के लिए। जैसे- मैं आप वहीं से आया हूँ।

2- दूसरे व्यक्ति के निराकरण के लिए। जैसे- वह औरों को नहीं, अपने आप को सुधार रहा है।

3- जनसामान्य के अर्थ में। जैसे- आप भला तो जग भला।

सर्वनाम का रूपांतर- sarvanam in hindi

लिंग के आधार पर

सर्वनाम चाहे किसी भी लिंग के लिए प्रयुक्त हो। उसका रूप हमेशा एक ही रहता है। उसमें कोई परिवर्तन नहीं होता है। जैसे- 1- वह पढ़ता है। 2- वह खेलती है।

वचन के आधार पर

संज्ञा की ही तरह सर्वनाम के भी दो वचन होते हैं। 1- एकवचन- मैं, वह 2- बहुवचन- हम लोग, वे लोग

पुरुष वाचक और निश्चय वाचक सर्वनाम को छोड़कर शेष सर्वनाम बिना विभक्ति के बहुवचन में भी एकवचन के ही समान होते हैं। जैसे-

एकवचन बहुवचन एकवचन बहुवचन

मैं हम तू तुम
वह वे यह ये

कारक के आधार पर

सर्वनाम में केवल सात ही कारक होते हैं। इसमें संबोधन कारक नहीं होता है। क्योंकि पुकारने में संज्ञा का ही प्रयोग किया जाता है।

कारकों की विभक्तियों के साथ सर्वनाम के रूप बदल जाते हैं। जैसा कि नीचे तालिका में प्रदर्शित है-

सर्वनाम एक दृष्टि में ( विभक्ति के आधार पर )

सर्वनामकर्ताकर्मकरणसम्प्रदानअपादानसंबंधअधिकरण
मैंमैं, मैंनेमुझको, मुझेमुझसेमुझको, मुझे, मेरे लिएमुझसेमेरा, मेरी, मेरेमुझमें, मुझपर
हमहम, हमनेहमको, हमेंहमसेहमको, हमें, हमारे लिएहमसेहमारा, हमारी, हमारेहममें, हमपर
तुमतुम, तुमनेतुमकोतुमसेतुमको, तुम्हेंतुमसेतुम्हारा, तुम्हारी, तुम्हारेतुममें, तुमपर
वहवह, उसनेउसको, उसेउससेउसको, उसे, उसके लिएउससेउसका, उसकी, उसकेउसमें, उसपर
वेवे, उन्होंनेउनको, उन्हेंउनसेउनको, उन्हें, उनके लिएउनसेउनका, उनकी, उनकेउनमें, उनपर
आप (निजवाचक )आपअपने कोअपने सेअपने लिएअपने सेअपना, अपनी, अपनेअपने में

सर्वनाम पद का अन्वय या परिचय

किसी वाक्य में प्रयुक्त सर्वनाम का अन्वय अथवा परिचय देने का एक निश्चित तरीका है। जिसके अंतर्गत पहले सर्वनाम का भेद फिर लिंग फिर वचन फिर कारक और अंत में अन्य शब्दों से संबंध बताना चाहिए। जैसे-

वह किसी का कहना नहीं मानता।

अन्वय– वह — पुरुष वाचक सर्वनाम, अन्य पुरुष, पुल्लिंग, एकवचन, कर्ताकारक, मानता क्रिया का कर्ता।

इसी वाक्य के ‘किसी’ सर्वनाम का पद अन्वय-

किसी– अनिश्चयवाचक सर्वनाम, पुंलिङ्ग, एकवचन, सम्बन्धकारक, कहना के साथ संबंध।

सर्वनाम के प्रश्न # sarvanam in hindi worksheet

प्रश्न 1- निम्नलिखित वाक्यों में से किस वाक्य में सर्वनाम का प्रयोग अशुद्ध है-
(क) वह स्वयं यहां नहीं आना चाहती।
(ख) आपके आग्रह पर मैं दिल्ली जा सकता हूँ।
(ग) मैं तेरे को एक घड़ी दूंगा।
(घ) मुझे इस बैठक की सूचना नहीं थी।

प्रश्न 2- मुझे किस प्रकार का सर्वनाम है ?
(क) उत्तम पुरुष
(ख) मध्यम पुरुष
(ग) अन्य पुरुष
(घ) इनमें से कोई नहीं

प्रश्न 3- सर्वनाम के कितने भेद होते हैं ?
(क) 4
(ख) 5
(ग) 6
(घ) 7

प्रश्न 4- निश्चयवाचक सर्वनाम कौन सा है-
(क) क्या
(ख) कुछ
(ग) कौन
(घ) यह

प्रश्न 5- निम्न में से अनिश्चयवाचक सर्वनाम बताओ-
(क) कौन
(ख) जो
(ग) कोई
(घ) वह

प्रश्न 6- ‘यह घोड़ा अच्छा है’- इस वाक्य में ‘यह’ क्या है ?
(क) संज्ञा
(ख) सर्वनाम
(ग) विशेषण
(घ) सार्वनामिक विशेषण

प्रश्न 7- संबंध वाचक सर्वनाम कौन सा है ?
(क) कोई
(ख) कौन
(ग) जो
(घ) वह

प्रश्न 8- “वे आज बाजार जाएंगे” में सर्वनाम कौन सा है ?
(क) आज
(ख) बाजार
(ग) वे
(घ) जाएंगे

प्रश्न 9- सर्वनाम बदले में प्रयोग किये जाते हैं-
(क) विशेषण के
(ख) क्रिया के
(ग) संज्ञा के
(घ) अव्यय के

प्रश्न 10- निजवाचक सर्वनाम का उदाहरण है-
(क) मुझे कहीं जाना है।
(ख) मैं पढ़ने जाता हूँ।
(ग) वह स्वयं खेलती है।
(घ) वह अपने आप सीख गया।

उत्तर– 1 (ग). 2 (क). 3 (ग). 4 (घ). 5 (ग). 6 (ख). 7 (ग). 8 (ग). 9 (ग). 10 (घ).

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