माई जीवन दर्शन आपको प्रेरणादायक हिंदी कहानियां, हिन्दू धर्म, सुविचार, कविताएँ, प्रेरक प्रसंग, संतों की जीवनी, व्रत, पूजा-पाठ, दर्शन, हिंदी भाषा ज्ञान, महान व्यक्तित्व, व्यक्तित्व विकास आदि विषयों पर उच्च कोटि के लेखों के द्वारा आपके ज्ञान एवं विचारधारा के विकास हेतु तार्किक एवं उपयोगी पाठ्यसामग्री हिंदी भाषा में प्रस्तुत करता है।
आजकल तकनीक के इस युग में हम लोग पुस्तकों से दूर हो रहे हैं। पठन-पाठन की पारंपरिक प्रविधियाँ क्षीण हो रही हैं। पुस्तकों की जगह मोबाईल फोन ने ले ली है। लेकिन इंटरनेट पर उपलब्ध हिन्दी भाषा की विषय सामग्री का अध्ययन करने पर पता चलता है कि अभी भी हिन्दी भाषा में परिष्कृत, प्रासंगिक, विषयानुकूल, शोधपूर्ण एवं विश्वसनीय विषय सामग्री पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध नहीं है।
मैं एक शिक्षक हूँ। इस ब्लॉग को शुरू करने का मेरा एकमात्र उद्देश्य हिन्दी भाषा के सुधी पाठकों को विभिन्न विषयों पर प्रासंगिक, विषयानुकूल, शोधपूर्ण एवं विश्वसनीय पाठ्य सामग्री प्रस्तुत करना है। यद्यपि गोस्वामी तुलसीदास का यह कथन मेरे विषय में पूर्णतया सत्य है–
मति अति नीच ऊँचि रूचि आछी। चहिय अमिय जग जुरइ न छाछी।।
अर्थात मेरी बुद्धि तो अत्यंत नीच या छोटी है लेकिन मेरी चाह बहुत ऊंची है। चाह तो अमृत पाने की है, जबकि जुगाड़ छाछ का भी नहीं है।
तथापि मैं आपको विश्वास दिलाता हूँ कि मैं इस ब्लॉग के माध्यम से आपको अच्छी सामग्री उपलब्ध कराने का पूर्ण प्रयास करूंगा। आपके सुझाव, मार्गदर्शन, आलोचना एवं आशीर्वचनों का सच्चे हृदय से सदैव स्वागत है।
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