बच्चों को कहानियों के माध्यम से अच्छे गुण आसानी से सिखाए जा सकते हैं। इसलिए हम आज आपके लिए 5 short stories for kids in hindi- बाल कहानियां नामक पोस्ट लेकर आए है। जिनके द्वारा आप kids में जरूरी अच्छे गुणों का विकास आसान और रोचक तरीके से कर सकते हैं। ये short stories बच्चों के साथ ही बड़ों के लिए भी उपयोगी और मनोरंजनक हैं।
1- झूठा चरवाहा # short stories in hindi for kids
किसी गांव में एक चरवाहा था। उसे एक बुरी आदत थी। उसे लोगों को परेशान करने में बड़ा मजा आता था। उसका गांव जंगल के किनारे था। जिसके कारण कभी कभी शेर, भालू, हाथी आदि जानवर उसके गांव के किनारे तक आ जाते थे।
एक दिन जब वह अपनी भेड़ें चराने जंगल के किनारे गया तो उसे एक नई शरारत सूझी। वह जोर जोर से चिल्लाने लगा- “शेर आया, शेर आया।” गांव के लोगों ने सुना तो वे लाठी-डंडे लेकर दौड़े। जब वे उसके पास पहुँचे और पूछा कि शेर कहाँ है ?
गांव वालों को देखकर वह हंसने लगा। उसे हंसते देखकर गांव वाले समझ गए की यह उसकी शरारत थी। वे सब बहुत नाराज हुए और उसे खूब खरी-खोटी सुनाई। लेकिन उसपर कोई फर्क नहीं पड़ा। वह तो सबको परेशान देखकर बहुत खुश था।
दो- चार दिन बीतने के बाद उसने फिर शेर आया शेर आया कहकर गांव वालों को बुलाया। गांववालों ने सोचा शायद इस बार सचमुच शेर आ गया हो। वे फिर दौड़े। लेकिन इस बार भी चरवाहे ने शरारत ही की थी।
गांव वाले एक बार फिर नाराज होकर लौट गए। कुछ दिन बाद जब एक शाम चरवाहा अपनी भेड़ें चरा रहा था तो सचमुच एक शेर आ गया। वह उसकी भेड़ों को खींचकर जंगल में ले जाने लगा। चरवाहा डरकर चिल्लाया- “शेर आया, शेर आया।”
गांव वालों ने सुना लेकिन इसे चरवाहे की शरारत समझकर इस बार कोई नहीं आया। भेड़ों के बाद शेर ने चरवाहे को भी अपना शिकार बना लिया।
moral- सीख
यह कहानी हमें सीख देती है कि झूठ बोलकर लोगों को परेशान करना अच्छी आदत नहीँ है। ऐसा करने वाले पर लोग विश्वास करना बंद कर देते हैं।
2- लालच बुरी बला # short stories for kids in hindi with moral
एक कुत्ता था। एकदिन कहीं से उसे एक रोटी मिली। वह रोटी मुँह में दबाकर किसी सुरक्षित स्थान की खोज में जा रहा था। रास्ते में वह एक तालाब के पास से गुजरा। अचानक तालाब में उसे अपनी परछाई दिखाई दी।
जिसे देखकर वह रुक गया। उसे लगा तालाब में कोई दूसरा कुत्ता है और उसके पास भी एक रोटी है। रोटी देखकर उसे लालच आ गया। उसने सोचा कि अगर यह रोटी भी मुझे मिल जाये तो मेरे पास दो रोटियां हो जायेंगीं।
लालच ने उसका दिमाग कुंद कर दिया। उसने सोचा कि यदि मैं इस कुत्ते को डराकर भगा दूं तो दूसरी रोटी भी मेरी हो जाएगी। ये सोचकर वह तालाब में दिख रहे अपने अक्स की ओर मुंह करके जोर से भौंका। वह भूल गया कि उसके मुंह में रोटी दबी है।
भौंकने के लिए मुंह खोलते ही उसके मुंह से रोटी निकलकर ताकब में गिर गयी। रोटी गिरने से तालाब के पानी में हलचल हुई। जिससे तालाब में दिख रहा दूसरा कुत्ता यानी उसकी परछाई भी गायब हो गयी। ज्यादा के लालच में जो उसके पास था, वह भी गंवा बैठा। इसीलिए कहते हैं- “लालच बुरी बलाय”
moral- सीख
यह शॉर्टस्टोरी सिखाती है कि हमें ज्यादा का लालच छोड़कर जो पास में हो, उसी से संतुष्ट रहना चाहिए।
3-फूट का नतीजा- short stories for kids in hindi
एक जंगल में कुछ भेड़ें और कुछ शिकारी कुत्ते साथ रहते थे। उनमें गहरी मित्रता थी। शिकारी कुत्ते भेड़ों की सुरक्षा करते थे। जिसके कारण भेड़िये। चाहकर भी उनका शिकार नहीं कर पाते थे।
काफी दिनों तक मौका ताड़ने के बाद भी जब भेड़िये भेड़ों का शिकार नहीं कर पाए। तब उन्होंने एक चाल चली। एक दिन जब शिकारी कुत्ते भेफों से थोड़ा दूर थे। तब वे भेड़ों के पास गए।
उन्होंने भेड़ों से कहा, “हमारी तुमसे कोई शत्रुता नहीं है। हम तो तुमसे मित्रता करना चाहते हैं। लेकिन ये शिकारी कुत्ते हमें बिल्कुल पसंद नहीं हैं। ये बहुत शोर करते हैं। तुम लोग इनके साथ रहती हो। इसलिए हम तुमसे भी नाराज रहते हैं।”
“अगर तुम इनका साथ छोड़ दो तो हमारी मित्रता हो जाएगी। हम तुम्हारी सुरक्षा करेंगे।” भेड़ों ने सोचा कि यह अच्छी बात है। यदि भेड़ियों से मित्रता हो जाये तो हमारा जीवन भयमुक्त हो जाएगा। फिर हमें कुत्तों के पहरे में नहीं रहना पड़ेगा। हम स्वेच्छा से कहीं भी आ जा सकती हैं।”
थोड़ी देरबाद जब कुत्ते उनके पास आये तो भेड़ों ने कहा, “हमें तुम्हारे साथ कि जरूरत नहीं है। तुम लोग बहुत शोर करते हो। इसलिए तुम कहीं और चले जाओ।”
यह सुनकर कुत्ते नाराज हो गए। वे भेड़ों को छोड़कर जंगल के दूसरी ओर चले गए। फलस्वरूप भेड़ें सुरक्षाविहीन हो गईं। आगे क्या हुआ होगा आप आसानी से अंदाजा लगा सकते हैं। सारी भेड़ें भेड़ियों का शिकार हो गईं।
moral- सीख
इस short stories for kids in hindi से शिक्षा मिलती है कि किसी के बहकावे में आकर हमें अपने मित्रों का साथ नहीं छोड़ना चाहिए।
4- बुद्धिहीन कछुआ # very short stories for kids in hindi
एक तालाब में देवदत्त नामक एक कछुआ रहता था। वह पक्षियों को आकाश में उड़ते देखता तो उसे बड़ा दुख होता कि वह उड़ नहीं सकता। वह अक्सर आकाश में उड़ने के सपने देखा करता।
उसी तालाब पर दो हंस रोज़ पानी पीने आते थे। धीरे धीरे उनकी कछुए से दोस्ती हो गयी। एक दिन कछुए ने उन्हें अपनी उड़ने की इच्छा बताई। जिस पर उन्होंने समझाया, “दोस्त ! तुम्हारा शरीर उड़ने के लिए नहीं बना है। इसलिए तुम्हें उड़ने के बारे में नहीं सोचना चाहिए।”
यह सुनकर कछुआ उदास हो गया। कछुए को उदास देखकर हंस बोले, “मित्र, उदास मत हो। हम कुछ उपाय करते हैं। जिससे तुम उड़कर देख पाओगे। अगले दिन हंस एक मजबूत लकड़ी का डंडा लेकर आये।
उन्होंने कछुए से कहा, “तुम इस डंडे को बीच में अपने मुंह से पकड़ लो। हम दोनों इसको दोनों किनारों से पकड़ लेते हैं। उसके बाद हम डंडे सहित तुमको लेकर आकाश में उड़ जाएंगे। तुम्हें बस इतना ध्यान रखना है कि किसी भी हालत में डंडे को छोड़ना नहीं है।”
उनकी बात सुनकर कछुआ बहुत प्रसन्न हुआ और झटपट तैयार हो गया। हंस उसे लेकर आकाश में उड़ चले। कछुआ आकाश में उड़ता हुआ बहुत प्रसन्न था। आज उसकी वर्षों की इच्छा पूर्ण हुई थी।
थोड़ी देर बाद उड़ते हुए हंसों ने कछुए से पूछा, “मित्र, उड़ने में मजा आ रहा है, न। कछुआ इतना खुश था कि वह भूल गया कि उसने मुंह से डंडा पकड़ा हुआ है। जिसके सहारे वह उड़ रहा है। जैसे ही उसने उत्तर देने के लिए मुंह खोला। डंडा हाथ से छूट गया।
कछुआ नीचे जमीन पर एक नुकीली चट्टान पर गिरा और उसकी जीवनलीला समाप्त हो गयी।
moral- सीख
हमें सदैव अपनी क्षमताओं के अनुसार कार्य करना चाहिए। दूसरों को देखकर नकल करने का प्रयास नहीं करना चाहिए।
5- कुसंगति का फल- short stories for kids in hindi
एक किसान था। एक कौवों का झुंड उसके खोतों में बड़ा उत्पात मचाता था। वे खड़ी फसल के दाने चुग जाते थे। किसान उनसे बहुत परेशान था। उसने कौवों को भगाने का बहुत प्रयत्न किया। लेकिन कौवे बार बार आ जाते और फसल का नुकसान करते।
वहीं पास में एक सारस भी रहता है। सारस बहुत ही शांत और अच्छे स्वभाव का पक्षी होता है। वह किसी को नुकसान नहीं पहुंचाता। छोटे छोटे कीड़े मकोडों को कहकर वह अपना पेट भरता है।
कौवों से परेशान किसान ने उन्हें जाल डालकर फंसाने की योजना बनाई। जिस दिन उसने जाल डाला। संयोग से उस दिन सारस भी कौवों से बात करने के लिए खेत में आ गया था। इसलिए जाल में कौवों के साथ साथ सारस भी फंस गया।
जाल में फंसे सारस ने किसान से कहा, “किसान भाई, मैंने तुम्हारा कोई नुकसान नहीं किया है। मैं कभी किसी का कोई नुकसान नहीं करता हूँ। बल्कि फसल को नुकसान पहुंचाने वाले कीड़ों मकोड़ों को खाकर तुम्हारी मदद ही करता हूँ। इसलिए मुझे मुक्त कर दो।”
लेकिन किसान बोला, “तुम्हारी बात ठीक है। लेकिन तुम इन दुष्ट कौवों के साथ पकड़े गए हो। कुसंगति हमेशा नुकसान करती है। गेंहूँ के साथ घुन भी पीसा जाता है। इसलिए कुसंगति का फल तुम्हे भी मिलेगा। मैं तुम्हें मुक्त नहीं कर सकता। इन दुष्ट कौवों के साथ ही तुम्हें भी मैं यहां से बहुत दूर छोड़ कर आऊंगा।”
moral- सीख
इस कहानी से सीख मिलती है कि खराब संगति का असर बुरा होता है। इसलिए हमें बुरे लोगों की संगति से दूर रहना चाहिए।
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